Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
जन्मजात विकृतियों का रहस्य सुलझाया
मेलबर्न। आस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जन्मजात विकृतियों के साथ पैदा होने वाले बच्चों में प्रकृति और पालन-पोषण के तौर-तरीकों दोनों का ही हाथ रहता है। सिडनी के विक्टर छांग कार्डिएक रिसर्च इंस्टीट्यूट (वीसीसीआरआई) के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन से कई जन्मजात बीमारियों के कारणों को समझने और साथ ही इन विकृतियों को कम करने की दिशा में भी मदद मिल सकती है। एएपी की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने पाया कि गर्भवास्था के दौरान एक विशेष परिवर्तित जीन के निम्न आक्सीजन के साथ मिलने या हाइपोक्सिया के कारण नवजात शिशु की रीढ़ की हड्डी में विकृति की आशंका दस गुना बढ़ जाती है जिसे कांजेनाइटिल स्कोलियोसिस कहा जाता है। हालांकि हाइपोक्सिया के भू्रण के विकास को बाधित करने की क्षमता का करीब दो सदी पहले से ही पता है लेकिन यह पहली बार है जब परिवर्तित जीन के कांजेनाइटिल स्कोलियोसिस के लिए जिम्मेदार होने का पता चला है। यह बीमारी एक हजार नवजात शिशुओं में से किसी एक को होती है। वीसीसीआरआई के भ्रूण विज्ञान प्रयोगशाला के प्रमुख सैली डनवुडी ने बताया कि हमने सही मायने में एक सफलता हासिल की है जो रीढ़ के जोड़ों के निर्माण में महत्वपूर्ण हो सकती है। महिलाओं में हाइपोक्सिया कई कारणों से हो सकता है जिनमें धूम्रपान, ऐनीमिया, उच्च रक्त शर्करा और गर्भनाल की कमजोर कार्यप्रणाली प्रमुख है। डनवुडी ने कहा कि महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पर्यावरणीय कारकों के बारे में जागरूक रहना चाहिए क्योंकि यह भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकती है।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
|