Re: मकर संक्रांति और पोंगल ..
संक्रांति के अवसर पर केरल के मंदिरों में रोशनी की सजावट की जाती है और लोग वहाँ दिया जलाने पहुँचते हैं। पशुओं की सजावट और उनकी दौड़ तथा प्रतिद्वंदिता आदि अनेक प्रकार के खेल खेले जाते हैं। इस दिन पोंगल नामक एक विशेष प्रकार की खीर बनाई जाती है जो मिट्टी के बर्तनमें नये धान से तैयार चावल मूँग दाल और गुड़ से बनती है। पोंगल तैयार होनेके बाद सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है और उन्हें प्रसाद रूप में यह पोंगल व गन्ना अर्पण किया जाता है, साथ ही फसल देने के लिए कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।
इस तरह से देखें तो मकर-संक्रान्ति का पर्व पूरे भारत में सोल्लास मनाया जाता है। दूसरे, यह भी देखा जाता है कि तिल, नये चावल, गुड़ और गन्ने का विशेष महत्त्व है। सर्वोपरि, भारत के पशुधन की महत्ता को स्थापित करता यह पर्व इस भूमि का पर्व है।
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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