हाथ छूटे भी तो रिश्ता नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख से लम्हे नहीं तोडा करते
जिसकी आवाज़ में सिलवट हो और निगाहों में शिकन
ऐसी तस्वीर के टुकड़े नहीं जोड़ा करते
शहद जीने का मिलता है थोडा थोडा
जाने वालों के लिए दिल नहीं तोडा करते
लग के साहिल से जो बहता है उसे बहने दो
ऐसे दरिया का रुख कभी मोड़ा नहीं करते