Re: टीवी समाचार मीडिया में उत्पात
एक जमाना था जब घर में एक ही टी वी सेट होता था, और वह भी ब्लैक & व्हाईट और दूरदर्शन का एक ही चैनल प्रसारित होता था और परिवार के सभी सदस्य एक साथ ड्रॉइन्ग रूम में बैठे उसका आनन्द लेते थे. कभी कभी पडोसी भी शामिल होते थे, जब उनके घर टी वी सेट नहीं होता था। टी वी चलाने के लिए रिमोट भी नहीं होता था। रविवर को सुबह नौ से दस तक सडकें खाली रहती थीं, जब रामायण का प्रसारण चलता था।
कहाँ गए वो दिन? पुराने टी वी सीरियल हम लोग, बुनियाद, आज भी याद आती हैं। पर आज टी वी को सचमुच idiot box मानने लगा हूँ। आजकल अखबार भी पढा नहीं जाता। बस सुबह सुबह औपचारिकता पूरी करने के लिए, चाय पीते वक्त, उस पर झाँकता हूँ।
समाचार से पहले ही परिचित हूँ। पाँच या दस मिनट में अखबार के सभी पन्नों को निपटा लेता हूँ।
एक लैपटॉप ही है, जिस के साथ यदि सारा दिन भी बैठूँ तो बोर नहीं होता।
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