Re: कानून की किताब
पोर्न वीडियो अपलोड किया तो कड़ी सजा
नई दिल्ली। अश्लील वीडियो इंटरनेट पर अपलोड करने या फिर एमएमएस
द्वारा भेजने पर सात वर्ष तक की सजा और पांच लाख रूपये तक का जुर्माना हो सकता है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिलाओं की छवि गलत तरीके से पेश करने वालों के खिलाफ
कार्रवाई से सम्बंधित कानून में उक्त प्रावधान करने वाले संशोधन को गुरूवार को
मंजूरी दे दी। अब इसे संसद में पेश किया जाएगा।
महिलाओं की छवि गलत तरीके से
पेश करने वालों को भविष्य में अपेक्षाकृत अधिक कड़ी सजा भुगतनी पड़ेगी। साथ ही इसके
दायरे में श्रव्य-दृश्य और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया भी आएंगे। प्रधामनंत्री मनमोहन सिंह
की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सरकार की ओर से जारी बयान में
कहा गया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरूवार को महिला अशिष्ट रूपण (प्रतिषेध)
अधिनियम, 1986 में संशोधन को मंजूरी दे दी।
बयान में कहा गया है कि कानून
में जिन संशोधनों का उद्देश्य प्रिंट एवं श्रव्य-दृश्य मीडिया के अलावा संचार के नए
साधनों जैसे इंटरनेट एवं एमएमएस के जरिए महिलाओं के गलत चित्रण को रोकना है। मौजूदा
कानून के दायरे में केवल प्रिंट मीडिया को ही शामिल किया गया है। इससे महिलाओं की
आपत्तिजनक छवि पेश करने से सम्बंधित समस्याओं का समाधान हो सकेगा, जिससे उनकी गरिमा
बनाए रखी जा सकेगी।
संशोधित कानून के तहत इसके लिए पहली बार दोषी ठहराए जाने
पर तीन साल की कैद तथा 50,000 से एक लाख रूपए तक का जुर्माना हो सकता है। दूसरी बार
दोषी ठहराए जाने पर इस कानून के तहत कम से कम दो साल कैद की सजा हो सकती है, जो सात
वर्षो तक बढ़ाई जा सकती है और दोषी व्यक्ति पर एक लाख से पांच लाख रूपये तक
जुर्माना लगाया जा सकता है।
कानून के तहत राज्य तथा केंद्र सरकार द्वारा
अधिकार प्राप्त अधिकारियों के अतिरिक्त केवल इंस्पेक्टर तथा इससे ऊपर के अधिकारियों
को ही तलाशी लेने व जब्ती का अधिकार होगा। इस अधिनियम को संशोधित करने की आवश्यकता
महसूस की गई। इस विधेयक के प्रारूप को अंतिम रूप देने से पहले अधिवक्ताओं, नागरिक
संगठनों सहित इस कानून से जुड़े लोगों से विचार विमर्श किया गया।
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