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Old 19-04-2017, 04:42 PM   #19
Rajat Vynar
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Talking Re: कहानी का रूपान्तरण

स्पष्ट है- 'ये रिश्ते हैं प्यार के' में 'नानावटी के मुकदमे' की कहानी के मुख्यांश का प्रयोग करने के स्थान पर एक लम्बी-चौड़ी भावनात्मक प्रक्रिया के जरिए कहानी के नायक को 'विवाहेतर सम्बन्ध के हादसे' को हजम कराने की कोशिश की गई। क्यों? यह फ़िल्म अपने ज़माने की एक निर्लज्ज (Bold) फ़िल्म मानी गई थी। यद्यपि इस फ़िल्म में कोई भी विवादास्पद दृश्य नहीं था, किन्तु उस ज़माने में निर्लज्ज संवादों का प्रयोग करना अथवा कथा-वस्तु में विवाहेतर सम्बन्ध का उपयोग होना ही निर्लज्जता (Boldness) का प्रतीक समझा जाता था। कहानी की नायिका लीला नायडू की किताब के अनुसार 'नानावटी के मुकदमे से पहले ही इस फ़िल्म की पटकथा लिखी जा चुकी थी।', किन्तु विकीपीडिया में अँग्रेज़ी दैनिक समाचार-पत्र 'दि हिन्दू' के हवाले से बताया गया है कि 'दत्त के पसंदीदा लेखक ए० काश्मीरी ने 'ये रास्ते' नामक एक कहानी लिखी जो मुम्बई में घटित 'नानावटी के मुकदमे' की कहानी पर आधारित थी।' यदि हम इस बात को झूठ और लीला नायडू की किताब में प्रकाशित बात को सत्य भी मान लें तो भी 'नानावटी के मुकदमे' की कहानी की घटना वर्ष 1959 की है और 'ये रास्ते हैं प्यार के' वर्ष 1963 में लोकार्पित हुई। अतः स्पष्ट है कि पटकथाकारों के संज्ञान में 'नानावटी के मुकदमे' की कहानी अवश्य रही होगी, फिर भी पटकथाकारों ने 'नानावटी के मुकदमे' की कहानी के मुख्यांश की उपेक्षा करके वही लिखा जो उस समय का समाज और दर्शक आसानी से हजम कर सकता था, क्योंकि पटकथाकार प्रायः वही लिखते हैं जो दर्शकों को हजम हो जाए। शायद 'नानावटी के मुकदमे' की कहानी का मुख्यांश पटकथाकारों को इतना अधिक निर्लज्ज (Bold) लगा कि उन्हें विवश होकर उसकी उपेक्षा करनी पड़ी। फ़िल्म में 'व्यथित अनिल द्वारा नीना का गला दबाया जाना' और 'अनिल के पिता की सलाह' जैसे दृश्यों का होना यह स्पष्ट करता है कि पटकथाकार उस समय के दर्शकों की मनोवृत्ति के अनुकूल चल रहे थे, जबकि सच्चाई यह है कि 'नानावटी के मुकदमे' की कहानी के मुख्यांश का विस्तार करना ही अधिक सरल कार्य है। यहाँ पर हम यह स्पष्ट कर दें कि 'नानावटी के मुकदमे' की कहानी का मुख्यांश एक तरह से 'नानावटी के मुकदमे' की कहानी के केन्द्रीय विचार का ही प्रथम भाग है, क्योंकि प्रथम भाग के घटित हुए बिना कहानी में केन्द्रीय विचार में निहित तथ्यों को लागू करना असम्भव है।
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Last edited by Rajat Vynar; 19-04-2017 at 07:25 PM.
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