Re: फोरम में मौलिकता की कमी है ?
रही बात कट-पेस्ट करने की. मेरा यह मानना है कि फोरम पर उपलब्ध सारी सामग्री कट-पेस्ट का नतीजा नहीं है. इसमें देखने वाली बात यह है कि क्या यह सामग्री हमारे सदस्यों-पाठकों को अपील करने वाली है, उनका स्वस्थ मनोरंजन करती है, ज्ञानवर्धक पोस्टों के ज़रिये उन्हें जागरूक बना पाती है या उन्हें जानकारी दे पाने में सक्षम है अथवा नहीं. कट-पेस्ट कर्म में भी हमारे साथियों की मेहनत, समय और सोच का योगदान होता है. वे अपनी ओर से भी इसमें काफी कुछ जोड़ते हैं. मैं इसे वैल्यू एडिशन कहना चाहता हूँ.
हम यदि अपनी कमियों से अवगत हैं तो उनसे बाहर निकलने का रास्ता भी हमें ही ढूँढना होगा. यहाँ रचनाये स्पोंसर नहीं की जाती या तथाकथित बड़े लेखकों को पाठ्य सामग्री भेजने के लिए आमंत्रित नहीं किया जाता. यह जो कुछ है, जैसा भी है हम सबका बनाया हुआ गुलदस्ता है. इसमें और सुन्दर सुन्दर फूल लगाने का कार्य भी हमें ही करना होगा. मौलिकता को फोरम के माध्यम से प्रस्तुत करना होगा.
अजय जी को एक महत्वपूर्ण विषय पर विचार आमंत्रित करने के लिए और पवित्रा जी, डॉ. श्री विजय, पुष्पा सोनी जी तथा भाई emptymind जी द्वारा चर्चा में अपने सुलझे हुये विचार रखने के लिए मैं आप सुधिजनों का धन्यवाद करता हूँ.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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