Quote:
Originally Posted by Deep_
अब मुझे लग रहा है की अगर रजत जी ने ईश्वर को जैसे प्रदर्शित किया है, अगर उससे उल्टा लिखते....मतलब की ईश्वर की फेवर में लिखते तो? वह कितना अच्छा होता!
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लिखा क्यों नहीं है? आपका आरोप निराधार है। पढ़िए मेरा सूत्र— 'प्रश्नचिह्न'
http://myhindiforum.com/showthread.php?t=14561