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Originally Posted by rajnish manga
प्याज की लगातार बढ़ती कीमतों को देखते हुये जल्दी ही फिल्मो के डायलाग इस प्रकार के होंगे:
मेरे करण अर्जुन आयेंगे
और दो किलो प्याज़ लायेंगे
......
ये ढाई किलो के प्याज़ जब आदमी लेता है ना…
तो आदमी उठता नहीं उठ जाता है. . .
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मेरे पास बंगला है गाडी है बैंक बैलेंस है रुपया है पैसा है, तुम्हारे पास क्या है?
मेरे पास प्याज़ है!
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जिनके घर प्याज़ के सलाद होते हैं..
वो बत्ती बुझा कर खाना खाते हैं. . .
......
मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता….
प्याज हो तो अलग बात है. . .
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लगता है सब्जी मंडी में नए आये हो साहेब..
सारा शहर मुझे प्याज़ के नाम से जानता है. . .
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11 राज्यों की सरकार मुझे ढूंढ़ रही है;
पर प्याज़ को खरीदना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है. . .
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ये प्याज मुझे दे-दे ठाकुर !
......
तुम्हे चारो तरफ से पुलिस ने घेर लिया है;
अपने सारे प्याज कानून के हवाले कर दो.
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That was nice dialogues sir ji