खुशियों के पल
दिल ही दिल में हम गुनगुनाने लगे
आसमा में पंछि बन उड़ जाने लगे
भोर की ओस बूंदों को हाथो में ले सहलाने लगे
छाई चांदनी थी आकाश में जब
पपीहा बन पिहू पिहू के शब्द दोहराने लगे..........
. असीम आनंद की लहरें जब दिल को धड़काने लगे
लगे है बयार शीतल सी गुनगुनाने लगे
झरनों की बुँदे गीत गाने लगे .
आ गए एइसे खुशियों के पल
ये सोच सोच हम मुस्कुराने लगे
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