Re: सभी को निमंत्रण, यहां करें बहस
मित्र, क्षमा करें कि आपके विचारों से मैं सहमत नहीं हूं। या तो आपको अधूरी जानकारी दी गई है अथवा कोई गलतफहमी है। मैं यह विश्वासपूर्वक कह सकता हूं कि श्री अन्ना हजारे ने कभी कोई विवादास्पद बयान नहीं दिया। हां, बीच में कुछ ग़लतफ़हमियां पैदा हुईं, लेकिन वे श्री हजारे के कारण नहीं, बल्कि उनके सहयोगियों के कारण थीं। अगर आप उन वक्तव्यों को विवादास्पद मानें कि 'संसद नहीं, देश का नागरिक सर्वोपरि है', तो यह वैचारिक मतभेद है, क्योंकि मैं इस मुद्दे पर पूरी तरह अन्ना का समर्थक हूं। पहले आप विकल्प उपलब्ध कराएं, राजनीतिक दलों को बाहुबलियों और अपराधियों का चयन करने से रोकें, उन्हें अपने खाते सार्वजनिक करने का क़ानून पास कराएं, फिर रीकॉल बटन उपलब्ध कराएं। ऐसे ही बहुत से कदम हैं, जिनका उठाया जाना मुझे, अन्ना के साथ, जरूरी लगता है। अब आप यह भी नहीं करेंगे और फिर कहेंगे कि लोकतंत्र में संसद सर्वोपरि है, तो चारा खा जाने वाले, कोयला हज़म कर जाने वाले, स्पेक्ट्रम की कमाई से अपना घर भरने वाले और प्रति प्रश्न धन वसूलने वाले ही संसद में नज़र आएंगे। अगर यह आरोप सांसदों पर आयद होते हैं, तो इसमें गलत क्या है?
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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