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Old 09-11-2017, 06:41 PM   #2
rajnish manga
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Default Re: दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर

दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर

दिल्ली में हवा की बेहद खराब गुणवत्ता और धुंध के गंभीर स्तर के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की समस्या को लेकर हरियाणा और पंजाब के अपने समकक्षों के साथ मुलाकात करना चाहते हैं।

इस बीच केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्द्धन ने कहा कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। यह अगले कुछ दिनों में सामान्य हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि बुधवार (8 नवंबर) को हवा में प्रदूषण की मात्रा गंभीर स्तर तक पहुंच गई थी।

कई सर्वेक्षण बताते हैं कि वायु प्रदूषण से देश में प्रतिवर्ष होने वाली मौतों के औसत से दिल्ली में 12 फीसदी अधिक मौतें होती हैं। दिल्ली जैसा ही हाल कमोबेश देश के अन्य महानगरों और महानगर बनने की ओर अग्रसर देश के बड़े शहरों का है।

अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के अध्ययन के मुताबिक ताजा एनवॉयरमेंट परफॉर्मेंस इंडेक्स (ईपीआई) में 178 देशों में भारत का स्थान 32 अंक गिरकर 155वां हो गया है। वायु प्रदूषण के मामले में भारत की स्थिति ब्रिक्स देशों (ब्राजील, भारत, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में सबसे खस्ताहाल है। इंडेक्स में सबसे ऊपर स्विट्ज़रलैंड है।

अध्ययन के मुताबिक प्रदूषण के मामले में भारत की तुलना में पाकिस्तान, नेपाल, चीन और श्रीलंका की स्थिति बेहतर है जिनका इस इंडेक्स में स्थान क्रमशः 148वां, 139वां, 118वां और 69वां है। इस इंडेक्स को 9 कारकों- स्वास्थ्य पर प्रभाव, वायु प्रदूषण, पेयजल एवं स्वच्छता, जल संसाधन, कृषि, मछली पालन, जंगल जैव-विविधता, जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा के आधार पर तैयार किया गया है।

वैसे ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए जिम्मेदार गैसें पिछले कुछ वर्षों में रिकॉर्ड मात्रा में विश्व के वायुमंडल में घुली हैं। वर्ष 2009 में करीब 8.6 अरब मीट्रिक टन कार्बन डाई ऑक्साइड वायुमंडल में पहुंची थी। यह मात्रा 2014 में लगभग 10 अरब मीट्रिक टन हो गई। ये गैसें सबसे ज्यादा चीन, भारत और अमेरिका से निकली हैं। इन तीनों ही देशों को दुनिया में सर्वाधिक प्रदूषण फैलाने वाला माना जाता है।

नासा सैटेलाइट द्वारा इकठ्ठा किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में पीएम-25 (पार्टिकुलेट मैटर- 2.5 माइक्रॉन से छोटे कण) की मात्रा सबसे ज्यादा थी। धुंध और वायु प्रदूषण के लिए कुख्यात चीन का बीजिंग शहर इस मामले में दिल्ली से पीछे छूट गया है। गाड़ियों की भारी संख्या और औद्योगिक उत्सर्जन से हवा में पीएम-25 कणों की बढ़ती मात्रा घनी धुंध का कारण बन रही है।

पिछले कुछ सालों में दिल्ली में धुंध की समस्या बढ़ती ही जा रही है। इसके बावजूद जहां धुंध के मामले में बीजिंग सुर्खियों में छाया रहता है और सरकार को एहतियात बरतने की चेतावनी तक जारी करनी पड़ती है, वहीं दिल्ली में इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। हॉर्वर्ड इंटरनेशनल रिव्यू के मुताबिक 5 में से हर 2 दिल्लीवासी श्वसन संबंधी बीमारी से ग्रस्त हैं।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)

Last edited by rajnish manga; 09-11-2017 at 06:52 PM.
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