5 जून विश्व पर्यावरण दिवस
पानी की तंगी के बारे में पढ़कर मन कियाकि पर्यावरण दिन के महत्व के बारे में कुछ लिखा जाय . आज कहीं अती वृष्टि है जैसे की कल फ्रांस और चीन में बाढ़ के दृश्य हमने देखे ,और हमारे देश भारत देश में लोग आज पानी की एक एक बूंद को तरस रहे हैं आखिर कर क्यूँ एइसा है? ये सब इसलिए एइसा है की मानव आज अपनी मनमानी कर रहा है खेतों की जमीं में खेती के बजाय होटल्स बनाने के उपयोग में लिया जा रहा है ,ऊँची ऊँची इमारतें बनाने के लिए ये जमीने आज खरीदी बेचीं जा रहीं हैं ,.. आज अनेको फक्ट्रियां विषैला धुआं उगल रही है वृक्षों के काटने की वजह से वृक्षों की कमी हो रही है ..मानव जीवन अपनी आने वाली पीढ़ी को पता नहीं क्या देगा आज जीवन इतना झुलस रहा है तो आने वाले वर्ष कैसे होंगे ये अंदाज हम आज के हालत से लगा ही सकते है इसलिए हमें अब भी सचेत हो जाना चहिये और जितने बन सके वृक्ष लगायें और अपने देश को इस दुनिया को प्राक्रतिक विपदा से बचाएं . इसी सन्दर्भ में ये दो आलेख मुझे अच्छे लगे जो आप सबके साथ शेयर करना चाहूंगी ..
Last edited by rajnish manga; 15-06-2016 at 05:04 PM.
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