Re: परिचय (१९७२)
खैर....अब परिचय की कहानी पर आते है।
कर्नल राय साहब एक कड़क मिज़ाजी ईन्सान है, अपनी पुरखों की हवेली में रहते है। अपने उसुलो के पक्के और नियमों से बंधे हुए। अपने संगीत प्रेमी बेटे निलेश से वह खफा थे क्यों की वह उनके मर्जी के खिलाफ संगीत सिखता था और अपने गुरु की लडकी से बिना बताए शादी कर ली थी।
राय साहब उसे घर से निकाल देतें है। स्वाभीमानी निलेश भी घर वापस नहीं लौटता। अपना जीवन गरीबी में व्यतित करता है। उसके कुल पांच बच्चे होते है। रमा, अजय, विजय, मीता और संजय (संजु)। निलेश की पत्नी गुजर जाती है और निलेश भी बहुत बिमार होता है।
वह अपने पिता कर्नल राय साहब को खत लिख कर बताता है। आखिरकार निलेश की मृत्यु के बाद वह बच्चे अपने दादा जी मतलब कि राय साहब के पास पहुंच जाते है।
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