Re: कवि-सम्मेलन में बाहुबली
एक बार एक बाहुबली को कवि-सम्मेलन की अध्यक्षता करने का मौका मिला और लोगों ने बाहुबली से एक कविता सुनाने की फरमाइश कर दी। बाहुबली की सारी ज़िन्दगी जूता-लात और मारधाड़ करने में गुज़री थी, फिर भी लोगों की फरमाइश पूरी करने के लिए बाहुबली ने अपनी मोटी अक्ल का घोड़ा दौड़ाकर एक अदद कविता लिखकर लोगों को सुनाना शुरू किया-
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