Re: नवजोत सिंह सिद्धू: एक व्यक्तित्व
खेलों से जुड़े व्यक्तित्व/ नवजोत सिंह सिद्धू
जब हत्या के केस में नामज़द हुए सिद्धू
2004 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी करके नवजोत सिंह सिद्दू को अमृतसर से अपना उम्मीदवार बनाया था. और इसी के बाद से सिद्धू ने पटियाला को छोड़ कर अमृतसर को ही अपना परमानेंट ठिकाना बना लिया है. राजनीति के मैदान में भी सिद्धू ने अपने चुटीले भाषणों के जरिए अपनी एक अलग पहचान बनाई लेकिन सिद्धू की राजनीतिक यात्रा अभी शुरु ही हुई थी कि साल 2006 में उन्हें उस वक्त बड़ा झटका लगा जब हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट ने हत्या के एक केस में उन्हें सजा सुना दी. दरअसल ये पूरा मामला साल 1988 का है जब पटियाला में गुरुनाम सिंह नाम के शख्स के साथ सिद्धू का झगड़ा हुआ था.
पटियाला का शेरांवाला गेट चौराहा. जिस केस में नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त को दोषी करार दिया गया . गुरुनाम सिंह के साथ झगड़ा उनका हुई थी. गुरुनाम सिंह अपनी मारुती कार में थे. जैसा कि उनके परिवार वाले बताते हैं गुरुनाम सिंह ने अपनी मारुति कार इस फुटपाथ के बिल्कुल बगल में रोकी और आगे नवजोत सिंह सिद्धू अपने दोस्त के साथ जिप्सी में सवार थे. गुरुनाम सिंह ने हॉर्न दिया शायद थोड़ी जगह मांगने की कोशिश कर रहे थे वह गाड़ी पार्क करने के लिए. लेकिन कहा जाता है कि सिद्धू ने जिप्सी की खिड़की से पीछे घूमकर उनको कुछ अपशब्द कहे. सिद्धु के मुंह से अपशब्द सुनकर गुरनाम सिंह ने मारुति कार आगे बढ़ाई और जिप्सी से सटाकर प्रयोग किए गए भद्दे शब्दों की वजह जाननी चाही . कहते हैं थोड़ी ही देर बाद भूपेंदर संधू और नवजोत सिंह सिद्धू अपनी जिप्सी से नीचे उतरे और उन्होंने गुरुनाम सिंह से हाथापाई शुरू कर दी. हाथापाई में गुरुनाम सिंह को धक्का लगा और वह नीचे गिर पड़े उनके सिर में चोट आई. पुलिस मौके पर पहुंच गई . गुरुनाम सिंह को फौरन अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी बाद में मौत हो गई.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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