जब नवीन को होश आता है, वह एक बड़े से बंगले में एक सोफे पर बंधा हुआ होता है। सामने की दिवार पर राजपाल की तसवीर देख कर नवीन को मालुम होता है की वह राजपाल का ही बंगला है। कमलेश यह जान कर की राजपाल नवीन का दुश्मन है, नवीन को धमकाती है की वह पुरी कहानी बताए वरना वह नवीन को पुलिस को सोंप देगी या राजपाल को बुला लेगी।
नवीन मजबुर अपनी सारी कहानी बताता है। कमलेश भी उसे अपनी सच्चाई बताती है की कैसे वह और उसके घरवालों ने राजपाल को झांसे में डाल कर यह बंगला हडप कर लिया है।
वह यह भी बताती है की अगर नवीन भी चालाक होता तो वह भी एसे ही किसी बंगले का मालिक होता। जिस हालात में अभी वह है वह हालात कभी न आते।
उस ने कहा की जब उसकी मां अस्पताल से छूटेगी तो उसे वह कहां ले जाएगा? उसके पिता के बारे में क्या बताएगा? उसकी बहन को वापस न मिल पाएगी तो क्या होगा? उसका निजी भविष्य क्या होगा?
ईन सब सवालों का नवीन के पास कोई जवाब न था। वह असमंजस मै गिर गया।
यहां कमलेश उसके सामने एक प्रस्ताव रखती है....