Re: खलील जिब्रान और उनकी रचनायें
नियति
ख़लील जिब्रान
जो मृत्यु छीन लेती है
कोई प्राणी लौटा नहीं सकता;
जिसे स्वर्ग ने आशीर्वाद दिया है
कोई प्राणी दंड नहीं दे सकता;
जिसे प्रेम ने एक कर दिया है
कोई प्राणी अलग नहीं कर सकता;
जो नियति ने निश्चित कर दिया है
कोई प्राणी बदल नहीं सकता.
(कथांश)
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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