Re: नपुंसकामृतार्णव
करवीरादिचूर्णम
कनेर की जड़ का चूर्ण एक तोला, नए सेमल की जड़ पांच तोला, कौंच के बीज की गिरी सात तोला, इन सभी को लेकर कपड़छान कर लें और बराबर मात्रा की मिश्री मिला कर घी और मिश्री मिले दूध के साथ प्रतिदिन छह मासे सेवन करें, तो मनुष्य का वीर्य पुष्ट होकर अनेक स्त्रियों का मान भंग करने योग्य हो जाता है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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