Re: गीत- मन के भद्दे लोग बहुत...
आकाश जी, आपका यह गीत हमारे सारे समाज की पीड़ा व्यक्त करता नज़र आता है. क्या यही वो आज़ादी है जिसके लिये हज़ारों लाखों लोगों ने कुर्बानियां दी थी और सलोने सपने देखे जाते थे. जिनके पास समस्याओं के समाधान होने चाहियें वह सिर्फ बयानबाजी के और कुछ नहीं कर रहे.
सोचने पर विवश कर देने वाले इस सुंदर गीत के लिये बहुत बहुत धन्यवाद.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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