मानव जीवन ki मूश्किले or सरलताये
इंसानी जीवन को लेकर आज एक वाकया पढ़ा कहीं मैंने , जिसका सार ये था की जीवन में कठिनाइयाँ और मुश्किलें आनी ही चहिये बिना मुश्किलों के जीवन में कोई रस नही रह जाता ... अब मै यहन अपने विचार रखना चाहूंगी फिर आप सब क्या सोचते हो इस बारे में कृपया इस सूत्र पर अ पने अपने विचार रखने की कृपा कीजियेगा ..
मुश्किलों को लेकर मेरा येही कहना है की मानव जीवन में यदि कभी कभार मुश्किलें आतीं है, तो उससे इन्सान सही में स्ट्रोंग बनता है., और जीवन के कडुवे अनुभवों से वो बहुत कुछ सीखता भी है, किन्तु अगर किसी को हर समय दुःख, तकलीफे, कठिनाइयाँ ही मिलती रहे तब मै नही मानती की हर पल की मुश्किलें इन्सान को मजबूत बनाती है ,या एईसी मुश्किलों की वजह से इन्सान आगे बढ़ता है हर समय की मुश्किलें इन्सान को तोड़ देती हैं ...
आप सबका मानना क्या है मै आप सबकी राय जानना चाहूंगी ...
Last edited by soni pushpa; 11-12-2014 at 11:36 AM.
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