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Old 11-11-2010, 03:42 PM   #6
aksh
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Originally Posted by munneraja View Post
ये तो इनका मजबूत पक्ष है
क्योंकि यह एक हिंदी फोरम है
बड़े भैया ये आपका मजबूत पक्ष मिल गया मुझे. आप गलती तुरंत ही पकड़ लेते है. मेरा मतलब था कि मेरे विचार से कोई भी भाषा तब ही सम्रद्ध हो पाती है जब उसके अन्दर दूसरी भाषाओँ के प्रचलित और लोकप्रिय शब्दों को समय समय पर अपनाया जाता रहे. जैसे कि अंग्रेजी ने, जंगल, डकैत, सिपाही, लूट, गुरु, आदि को अंग्रेजी में अपनाया और इस्तेमाल किया. उसी तरह हमको भी हिंदी भाषा के क्लिष्ट शब्दों के स्थान पर कुछ शब्द अंग्रेजी जैसी भाषाओँ से भी ले लेने चाहिए. जैसे कि होटल, सेकण्ड ( द्वितीय ) थर्ड ( तृतीय ) . ये मेरे अपने निजी विचार हैं कि अगर हिंदी वो होगी जो हिंदी फिल्मों में बोली जाती है तो जल्दी से फैलेगी और फ़ैल भी रही है. कल्पना करें कि निजी जीवन में जो हिंदी हम यूज करते हैं अगर उसकी जगह क्लिष्ट हिंदी का प्रयोग करें तो कैसा लगेगा.

मुझे भी जय भैया की हिंदी पर नाज है. आपने देखा नहीं कि कवि ह्रदय होना दोनों पक्षों में लिखा है.
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Last edited by aksh; 11-11-2010 at 03:50 PM.
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