Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
मुहावरा > जुग
भावार्थ:
1. समय की लम्बी अवधि
2. चौसर (खेल में) दो गोटियों का एक ही खाने में होना
उदाहरण: 1 और 2:
सदा ग़म की चौसर बिछा कर नहीफ़
बिरहा को ले बैठी हूँ......अपना हरीफ़
सो कच्ची ही पड़ती है.....हर हाल में
कई जुग हुये मुझको.........जंजाल में.
(शायर: फज़ायत अली खां)
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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