Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
क्या आप जानते हैं कि -
इस फिल्म में फालके साहब ने फिल्म निर्माण से जुड़े बहुत से काम स्वयं किये जैसे - सेट लगाने का काम, दृश्य लेखन, फिल्म की डेवलपिंग और एडिटिंग आदि के काम.
बनने के बाद फिल्म की कुल लम्बाई 3700 फुट थी और चार रील तैयार हुयीं. इस फिल्म में उपदेशों, मेलोड्रामा तथा ट्रिक फोटोग्राफी का अच्छा सम्मिश्रण किया गया था. फिल्म छः माह में बन कर तैयार हुई.
3 मई 1913 को यह फिल्म मुंबई के कोरोनेशन थियेटर में प्रदर्शित की गई थी. जनता ने फिल्म को हाथों हाथ लिया और फिल्म को आशातीत सफलता प्राप्त हुई. उस थियेटर में यह फिल्म 23 दिनों तक सफलता पूर्वक चली जो उन दिनों के हिसाब से अनोखा ही कहा जाएगा.
फिल्म की अपार सफलता से प्रेरित हो कर फालके साहब परिवार सहित नासिक चले आये और वहां उन्होंने एक स्टूडियो की स्थापना की. उनका समूचा परिवार फिल्म निर्माण के काम में जुड़ गया. यहाँ रहते हुए उन्होंने सन 1913 में 'मोहिनी भस्मासुर' और सन 1914 में 'सत्यवान सावित्री' नामक पौराणिक विषयों वाली फिल्मे बनाई.
Last edited by rajnish manga; 05-03-2013 at 09:57 PM.
|