Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
प्रमुख फ़िल्में
क्या आप जानते हैं कि दादा साहब फालके ने अपने करियर में कुल 20 फीचर फ़िल्में और 97 लघु फ़िल्में बनायीं. उनकी प्रमुख फीचर फ़िल्में थीं – ‘कालिया मर्दन’ (जिसमे उनकीपुत्री मंदाकिनी ने कृष्ण का रोल किया), ‘लाइफ ऑफ़ श्रीयाल’ (जिसमे उनकी पत्नि काकीफालके ने उनके साथ अभिनय किया), ‘द मैजिक ऑफ़ डॉ. केल्फा’ (जिसमें उन्होंने जादू की अपनी महारत और स्पेशल इफैक्ट्स का अच्छा प्रदर्शन किया था). इस फिल्म का नाम उन्होंने अपना नाम फालके उलट कर केलफा रख दिया था. ‘लंका दहन’ और ‘श्री कृष्ण जन्म’ फिल्मों को अपार सफलता प्राप्त हुई. प्रथम विश्व युद्ध छिड़ जाने से फिल्म उद्योग पर भीबुरा असर पड़ा था. उनकी अंतिम मूक फिल्म थी ‘सेतु बंधन’ जो सन 1931 में अर्देशिर ईरानी द्वारा निर्देशित और प्रदर्शित फिल्म ‘आलम आरा’ जो पहली बोलती फिल्म थी, के बाद यानि 1932 में आई थी जिसे बाद में सवाक फिल्म के रूप में प्रदर्शित करना पड़ा. 64 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने करियर की अंतिम फिल्म ‘गंगावतरण’ मराठी और हिन्दी दोनों में बनाई. निर्देशक के रूप में यही उनके जीवन की आख़िरी फिल्म थी और पहली सवाक फिल्म थी.
उनके जीवन के अंतिम वर्ष दादा साहब फालके ने गरीबी और गुमनामी में बिताये. 16 फरवरी, 1944 को नासिक में उनका देहांत हो गया. इस प्रकार भारतीय फिल्म उद्योग का पुरोधा सदा के लिए इतिहास के पन्नों में विलीन हो गया. अपनी मृत्यु से कुछ समय पहले उन्होंने कहा था –
“यदि मुझमे फिल्म निर्माण के लिए कलात्मक और तकनीकी प्रतिभा न होती और मुझमे साहस व कुछ कर दिखाने की लगन न होती तो भारत में 1912 में फिल्म उद्योग की स्थापना न हुई होती.”
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