थोडे ही दिनों के बाद कामना की सहेली उसे जबरन एक बिझनस एक्जीबीशन में ले जाती है। वहां उन्हें बसंत दिख जाता है। बसंत जो सुट बुट में सज्ज फर्राटेदार अंग्रेजी में अपने क्लायन्ट्स को अपने बिझनस के बारे में स्पीच दे रहा था।
यहां कामना का दिल मानों किसी ने नीचोड़ दिया हो एसा दुःख हुआ। लेकिन अब बसंत के पास ओर कोई चारा नहीं था। वह अंजान बनने का नाटक करते हुए बोलता रहा। कामना तैश में आ कर उस से कुछ बोलने गई, लेकिन वसंत बडे शान्दार अभिनय से उसे किसी अन्जान की तरह ही बात करता रहा।
उस ने कहा की शायद वह उसके भाई राजा की बात कर रही है । कामना को पहले तो यकीन न हुआ। लेकिन उनके पास भी ओर कोई रास्ता न था।
एक्जीबीशन के बाहर ही उन्हें राजा यानी की बसंत ड्राईवर के स्वांग में मिल गया। वहां कामना और उसकी सहेली ने उसे ईसका कारण पुछा....कि क्युं उसने अपने ईतने अमीर भाई के बारे में बताया नहीं।
राजा यानी की बसंत ने खुद्दारी, अनबन वगैरह का बहाना निकाल कर उन्हें समजा दिया।
कामना अब खुश थी के राजा भी उसकी ही तरह पैसे से नफरत करता है।