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Old 04-11-2015, 11:03 PM   #144
soni pushpa
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Default Re: रहस्य रोमांच की कहानियाँ

[QUOTE=rajnish manga;556039]पुनर्जन्म के दृष्टांत

कल्याण मार्च 1966 में छपी एक खबर के अनुसार सुरेश मैतृमूर्ति नाम के एक व्यक्ति जिन्होंने बौद्ध धर्म में दीक्षा ली थी बीमार पड़ गये। बीमारी के दिनों में उन्हें किसी अज्ञात प्रेरणा से मालूम हो गया कि उनकी मृत्यु कल शाम तक अवश्य हो जायेगी और उनका दूसरा जन्म उत्तर भारत में कही होगा।

लोगों ने इनकी बातों का विश्वास नहीं किया क्योंकि तब स्थित काफी सुधर चुकी थी। दिन भर स्थिति सुधरती ही रही किन्तु बात उन्हीं की सच हुई सायंकाल से पूर्व ही उनकी मृत्यु हो गई । मरने से पूर्व उन्होंने अपनी कलाई घड़ी अपने गुरुभाई श्री आनंद नेत्राय ने को दी । दोनों में बड़ा आत्म भाव था इसलिये श्री नेत्राय ने उनकी दूसरी बात का भी पता लगाने का निश्चय किया।

कई वर्ष बाद श्री आनन्द नेत्राय मद्रास और एक ज्योतिषी से सुरेश के पुनर्जन्म की बात पूछी । उक्त ज्योतिषी के पास 5000 वर्ष पुरानी कोई पुनर्जन्म विद्या की पुस्तक थी उसके आधार पर उसने बताया कि सुरेश का जन्म बिहार प्राँत में हुआ है । पिता का नाम रमेश सिंह और माता का नाम सावित्री बताया । इतने सूत्र मिल जाने पर श्री आनन्द नेत्राय ने पुलिस रिकार्ड की सहायता से पता लगाया। बच्चे का पता चल गया और कुछ विचित्र बाते सामने आई जैसे कि यह बालक भी अपने पूर्व जन्म की बाते बजाने लगा । आनन्द नेत्राय लंका में प्रोफेसर है वे बच्चे को वहाँ ले गये उसने जहाँ अनेक बाते स्पष्ट पहचानी वहाँ लोगों को अपनी घड़ी पहचान कर आश्चर्य चकित कर दिया आनन्द नेत्राय के हाथ की घड़ी देखते ही उसने कहा-यह घड़ी मरी है। यह वही घड़ी थी जो मृत्यु के पूर्व सुरेश ने ही आनन्द जी को दी थी।

[size=3]बिहार में जन्मे बालक ओर सुरेश के गुण , कर्म और स्वभाव में अधिकाँश साम्य पाया गया इससे यह सिद्ध हो जाता है कि जीवात्मा की यात्रा जिस स्थान से (आत्मिक विकास की दृष्टि से) समाप्त हुई थी वही से फिर शुरू हो जाती है यदि मनुष्य अपने जीवन को संवारने , [font=&quot]सुधारने ऊर्ध्वगामी बनाने में लग जाता है तो पिछले जीवन के अशुभ कर्मों का फल भोगते हुए भी उसका जीवन साधुओं जैसा निर्मल और उद्यत होता जाता है यदि पिछले जन्म के प्रारब्ध बहुत कठिन और जटिल न हुये तो थोड़े ही दिन में स्थिर शान्ति और आनन्द की प्राप्ति होती है यदि जीवन का अधिकाँश जन्म ग्रहण करना पड़ता है तो उसका दूसरा जन्म उच्च और श्री सम्पन्न कुल में होता है और फिर उसे जीवन मुक्ति की उपलब्धि हो




अछि जानकारी भाई ...कितने रहस्य कुदरत ने अपने अंदर छुपा रखे हैं जिससे हम पामर इंसान अब तक भी बिलकुल अनजान हैं .. हम सबके साथ शेयर करने के लिए धन्यवाद भाई
soni pushpa is offline   Reply With Quote