View Single Post
Old 27-10-2011, 12:45 PM   #12
malethia
Special Member
 
Join Date: Oct 2010
Posts: 3,570
Rep Power: 42
malethia has a reputation beyond reputemalethia has a reputation beyond reputemalethia has a reputation beyond reputemalethia has a reputation beyond reputemalethia has a reputation beyond reputemalethia has a reputation beyond reputemalethia has a reputation beyond reputemalethia has a reputation beyond reputemalethia has a reputation beyond reputemalethia has a reputation beyond reputemalethia has a reputation beyond repute
Default Re: साहित्यकारों के विनोद प्रसंग

Quote:
Originally Posted by dark saint alaick View Post
राष्ट्रकवि और द्राक्षासव



एक बार राष्ट्रकवि मैथिलीषरण गुप्त अपने दिल्ली आवास से बाहर गए हुए थे। पीछे से राय कृष्णदास आए और साथ में द्राक्षासव की एक बोतल भी ले आए। जब तक राय साहब रहे गुप्तजी बाहर थे। राय साहब जाते वक्त खाली बोतल मेज पर छोड़ गए। गुप्तजी लौटे तो बोतल देखकर मन प्रसन्न हो गया। उन्होंने बोतल उठाई तो खाली बोतल पाकर निराश हो गए। क्रोध में गुप्तजी ने एक कविता लिख डाली-



कृष्णदास! यह करतूत किस क्रूर की?
आए थके हारे हम यात्रा कर दूर की।
द्राक्षासव तो न मिला, बोतल ही रीती थी!
जानते हमीं हैं तब हम पर जो बीती थी!
ऐसी घड़ी भी हा! पड़ी उस दिन देखनी-
धार बिना जैसे असि, मसि बिना लेखनी!
Quote:
Originally Posted by dark saint alaick View Post
कुछ चुटकुले-कुछ जातक कथाएं-3



अशोक वाजपेयी को लेकर एक और जातक कथा प्रचलित है। हुआ यह कि एक बार एक संन्यासी भारत भवन नामक गुफा में अपने शिष्यों सहित आकर ठहरा। उसने देखा कि खूंटी पर टंगे थैले से रोज रोटियां गायब हो जाती हैं। एक दिन संन्यासी नींद का बहाना कर जागता रहा। उसने देखा कि एक चूहा अपने बिल से निकल कर सीधा छलांग लगा कर खूंटी पर टंगे थैले से रोटियां निकाल कर वापस बिल में चला जाता है। अगले दिन संन्यासी ने शिष्यों को बुलाकर बिल खुदवाया तो वहां राष्ट्रीय खजाना गड़ा हुआ था। संन्यासी ने वहां से खजाना खाली करा दिया। अबकी बार चूहा आया, तो संन्यासी ने देखा कि वह छलांग नहीं लगा पा रहा है और सिर्फ एक-आध इंच ही उछल पा रहा है। संन्यासी ने अपने शिष्यों को बुलाकर समझाया कि चूहा राष्ट्रीय खजाने के प्रताप से ही लंबी छलांगें लगा रहा था।
बहुत ही रोचक प्रस्तुती.............
ये दोनों वाक्ये बहुत अच्छे लगे ...........
malethia is offline   Reply With Quote