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Old 20-04-2017, 12:25 AM   #3
soni pushpa
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Default Re: bhagawan ke dost

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Originally Posted by rajnish manga View Post
बहुत सुंदर प्रसंग. अत्यंत शिक्षाप्रद. लेकिन यह सब कुछ लिखने और पढ़ने में जितना सरल लगता है वास्तव में उतना है नहीं. इसके लिए ज़रूरी है एक सकारात्मक दृष्टिकोण और हर व्यक्ति में बड़े-छोटे, धनी-निर्धन, ऊंच-नीच आदि से परे एक सा समभाव रखना. यदि हर व्यक्ति यही भाव रख कर तथा निजी स्वार्थ का त्याग करता हुआ कोई भलाई का कार्य करता है या दूसरों को कष्ट से मुक्त करने का प्रयास करता है, तभी यह सार्थक तथा वास्तव में समाज तथा मानवमात्र के लिए कल्याणकारी होगा. ऐसा व्यक्ति ही ईश्वर का दोस्त कहलाने का हकदार होगा. तभी सही मायने में खुशियों का विस्तार होगा. एक श्रेष्ठ प्रसंग को शेयर करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.
बहुत बहुत धन्यवाद भाई इस कथानक को पढ़कर इस पर अपने गहन विचार रखने के लिए।

जी सही कहा भाई आज तो बड़ी दयनीय स्थिति है इंसानी समाज की परिवार के लिए सोचना अब लोग जहाँ पसंद नहीं करते वहां परायों की चिंता कौन करे. किन्तु इस तरह के प्रसंग पढ़कर शायद किसी एक का भला हो जाय। कहते हैं न भाई साहित्य में बहुत शक्ति होती है और इस वजह से अच्छी चीज़े पढ़ने के लिए अक्सर लोग कहा करते हैं।
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