Re: अगर कैलेंडर न होता तो ...
इतिहास और पुरातत्व मामलों की विशेषज्ञ डॉ. प्रतिमा अग्रवाल ने कहा कि ‘वर्तमान कैलेंडर कई पुराने प्रकार के कैलेंडरों का मिश्रण है। इसमें मिस्र, रोमन और जूलियन कैलेंडर की अलग-अलग विशेषताएं शामिल हैं।’ डॉ. प्रतिमा ने बताया, ‘मिस्र निवासियों ने 12 महीने का कैलेंडर बनाया था, और हर महीने में 30 दिन थे, जिससे साल पूरा हो रहा था। बाद में मिस्रवासियों ने इस कैलेंडर में साल के अंत में पांच दिन और जोड़े, ताकि सौर वर्ष के मुताबिक, पूरे दिन इसमें शामिल किए जा सकें।’ मिस्र सहित कुछ देशों में 24 फरवरी का दिन कैलेंडर के लिए समर्पित है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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