24-08-2014, 04:25 PM
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#25
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Re: जय श्री गणेश
गणेश चतुर्थी का पर्व शुक्रवार 29 अगस्त,2014 को :
जब ब्रम्हाजी के सृष्टि निर्माण के समय निरंतर बाधाएं आ रही थीं। तब वे विघ्न विनाशक श्री गणेश जी के पास प्रार्थना लेकर पहुंचे। ब्रम्हाजी की स्तुति से प्रसन्न भगवान गणेश ने उनसे वर माँगने को कहा।
ब्रम्हाजी ने सृष्टि के निर्माण के निर्विघ्न पूर्ण होने का वर माँगा। गणेश जी ने तथास्तु कहा और आकाश मार्ग से पृथ्वी पर आने लगे। उस दिन भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी थी। इसलिए इस तिथि को गणेश उत्सव मनाया जाता है। मार्ग में चंद्रलोक आया, जहाँ चंद्रमा ने श्री गणेश जी का उपहास उडाया। चंद्रमा को अपने सौंदर्य के मद में चूर देखकर श्री गणेश ने उन्हें श्राप दिया कि आज के दिन तुम्हें कोई नहीं देखेगा और यदि देखेगा तो वह मिथ्या कलंक का भागी होगा। चंद्रमा लज्जित होकर छिप गए।
ब्रम्हाजी के कहने पर देवताओं ने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा की और चंद्रमा को क्षमा करने की प्रार्थना की। इस स्तुति से प्रसन्न होकर गणेश जी ने कहा कि जो शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के चंद्र के दर्शन करेगा और चतुर्थी को विधिवत गणेश पूजन करेगा उसे चतुर्थी के चंद्र दर्शन का दोष नहीं लगेगा।
भक्तकवि तुलसीदास ने भी चौथ के चाँद को कुछ इस तरह वर्णित किया है----
सो परनारि लिलार गोसाईं। तजउ चौथि के चंद की नाईं।। :.........
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