कोट के भीतर डायनामाइट
मुल्ला नसरुद्दीन खुशी-खुशी कुछ बुदबुदा रहा था। उसके मित्र ने इस खुशी का राज पूछा।
मुल्ला नसरुद्दीन बोला - "वो बेवकूफ अहमद जब भी मुझसे मिलता है, मेरी पीठ पर हाथ मारता है। आज मैंने अपने कोट के भीतर डायनामाइट की छड़ छुपा ली है। इस बार जब वो मेरी पीठ पर हाथ मारेगा तो उसका हाथ ही उड़ जाएगा।"
"भले ही मुझे हानि पहुंचे, मैं उसे क्षति पहुंचाकर बदला लूंगा।"