Re: शाकाहार - उत्तम आहार
नई दिल्ली। शाकाहार और मांसाहार को लेकर कई दशकों से जो विवाद है वह तो अभी जारी है लेकिन इस बात कि पुष्टि हो चुकी है कि शाकाहार पर्यावरण के लिए उपयोगी होता है।
विश्व शाकाहार दिवस के अवसर पर दुनियाभर में शाकाहार को बढ़ावा देने वाली संस्था पेटा कि प्रवक्ता बेनजीर सुरैया ने कहा कि भारत शाकाहार का जन्मस्थान रहा है और इस मौके पर हमें शाकाहारी होने पर विचार करना चाहिए। इससे हानिकारक गैसों कास उत्पादन रुकेगा और जलवायु परिवर्तन भी रुकेगा। इसके साथ ही मानव शारीर भी चुस्त दुरुस्त रहेगा। साथ ही पेटा प्रब्वक्ता ने यह भी कहा कि भारत में तेजी से बढ़ रहे मधुमेह टाईप 2 से ग्रसित लोग शाकाहार अपनाकर इस बीमारी पर नियंत्रण कर सकते है।
डॉक्टर भुवनेश्वरी गुप्ता का कहना है कि मानव शारीर के लिए शाकाहारी खाना सबसे अच्छा है। मांस, अंडे और डेयरी उत्पाद छोड़ देने से कम वसा, कम कोलेस्ट्रोल और बहुत पौष्टिक खाना मिलता है। उन्होंने कहा कि भारत में ह्रदय से जुडी बीमारियों, मधुमेह और कैंसर के मामले बड़ी तेजी से बढ़ रहे है और इसका सीधा संबंध अंडों, मांस, और डेयरी उत्पादों जैसे मक्खन, पनीर और आईसक्रीम की बढ़ रही खपत से है।
उन्होंने यह भी कहा कि एक स्वास्थयवर्धक तथा संतुलित शाकाहारी खाने में सभी अनाज, फल, सब्जियां, फलियाँ, बादाम, सोया दूध और जूस आता है। यह खाना दिन प्रतिदिन की विटामिन, केल्शियम, आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन सी, प्रोटीन की जरूरतों को पूरा करता है।
ज्ञातव्य है कि उत्तर अमेरिका शाकाहारी सोसायटी ने शाकाहारी जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 1977 में एक अक्तूबर के दिन शाकाहार दिवस मनाये जाने की शुरुआत कि थी।
विदित हो कि शाकाहार खाने में कम वसा होता है और यह कैंसर के खतरे को 40 फीसद तक कम करता है। शाकाहारी लोगों में मोटापा कम होने कि संभावना होती है। वर्ष 2010 संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जलवायु परिवर्तन को रोकने, प्रदुषण कम करने, जंगलों को काटे जाने से रोकने और दुनियाभर में भुखमरी को कम करने के लिए वैश्विक स्तर पर शाकाहार होना जरुरी है।
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