मार्गदर्शी जी
मार्गदर्शी जी
रस्ता खुद ही भूल गए हैं जो थे मार्गदर्शी जी
जिनका सब आदर करते थे कहके दूरदर्शी जी
उनके नक़्शे नारे नीति काम नहीं आने वाले
जबकि भाषण करते हैं वो सबसे मर्मस्पर्शी जी
(रजनीश मंगा / Rajnish Manga)
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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