Re: उपचार तनाव का
बिल्कुल ठीक फरमाया रजनीशजी !
असल में परोक्ष रूप में तनाव को आमन्त्रित करने का काम व्यक्ति का मैं—पना या अहम या घमण्ड या चाहे जो कहो .. वो होता है ! इसी अहम के कारण अपनी क्षमता से अधिक का बोझा स्वयं पर लाद लेता है और दु:खी होता रहता है ।
आज की लाईफ स्टाईल, तृष्णा से उपजी आवश्यकताएं, आज के प्रतीयोगी युग में स्वयं को दूसरों की तुलना में बराबर या बढ कर खड़े रह पाने की इच्छा आदि भी तनाव को आमन्त्रित करने वाले कारक है !!
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