Re: Jabalpur, Indore & Mandu (M.P.)
सत्य क्या है, यह तो इतिहासकार ही जानें, हम लोग तो उसभवन की भव्यता का आनंद ही ले रहे थे। जामी मस्जिद के अंदर ही बना होशंगशाह का मक़बराभारत की सबसे पहली संगमरमर की इमारत मानी जाती है और इसी की तर्ज़ पर बाद में ताजमहल का निर्माण करवाया गया है। जामी मस्जिद के सामने ही है अशरफ़ी महल। अशरफ़ी महल कीसीढ़ियों पर खड़े हो कर जामी मस्जिद की भव्यता का पूरा जायज़ा लिया जा सकता है। अशरफ़ीमहल कभी मदरसा हुआ करता था और कभी शायद वहाँ संस्कृत विद्यापीठ थी। यह भीइतिहासकारों के लिए गवेषणा का विषय है। अशरफ़ी महल से हम अपने रिसार्ट की ओर लौटतेहैं। अपराह्न दो बज चुके हैं और खूब भूख लगी हुई। अपनी आदत के मुताबिक़ हम खाना खाकरअपने टैंट में थोड़ा विश्राम करते हैं।
शाम की चायके बाद हमारी यात्रा फ़िर शुरू होती है और हम अपने रिसार्ट के बहुत क़रीब ईको पाइंटकी ओर चलते हैं। ईको पाइंट पर ही दाई का वह महल स्थित है, जिसे रूपमती की सेवा मेंरत दाई के लिए बनवाया गया था, लेकिन यह सिर्फ़ दाई का महल नहीं है, यह उस समय कीसंचार व्यवस्था का अदभुत नमूना है, जब न टेलीफ़ोन की सुविधा थी और नाही मोबाइल की।थोड़ी-थोड़ी दूरी पर चैक पोस्ट बनी हुई हैं और एक चैक पोस्ट से दूसरी चैक पोस्ट तकव्यक्ति की ताली की आवाज़ आसानी से पहुँच जाती है और यही ताली की संख्या ही संदेश काकोड होती थीं। यह सिलसिला दाई महल से शुरू होकर बाज बहादुर के महल से होता हुआरूपमती के महल तक पहुँचता है। इस तरह के या इससे मिलते-जुलते ईको पाइंट लगभग हरपहाड़ी इलाके में मिल जाते हैं और ऐसे कई ईको पाइंट हमने देखे भी हैं।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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