Re: डार्क सेंट की पाठशाला
हार के पीछे ही छिपी होती है जीत
कामयाबी एक खूबसूरत अहसास है। हर कोई सफलता चाहता है लेकिन सफलता आपको बुद्धिमान नहीं बनाती। आप अपनी सफलता किसी और को नहीं दे सकते। अगर आप सफल हैं तो जरूरी नहीं है कि आपके बच्चे भी सफल हों। सफलता के सूत्र पर बात करना समय की बरबादी है। कई बार लोग इसलिए भी सफल हो जाते हैं कि क्योंकि उन्हे असफलता से बहुत डर लगता है। कई लोगों को जीत की खुशी से ज्यादा हार का डर सताता रहता है। ऐसा तब होता है जब या तो मनुष्य कमजोर हो या ऐसे हालात में होता है वह कुछ कर नहीं पाता। ये हालात मनुष्य के भीतर तनाव और निराशा पैदा करते हैं। कई बार मनुष्य मैंने अपने आस पास के वातावरण को देख कर भी हतोत्साहित हो जाता है। ऐसे में उसके अंदर हार और नाकामयाबी का डर बढ़ जाता है। ऐसा नही होना चाहिए। प्रयास तो जारी रखने ही चाहिए। पहले भले ही कोई काम छोटा नजर आता हो लेकिन यह तय मानिए कि कोई भी काम छोटा नहीं होता। छोटे काम के साथ ही मनुष्य आगे बढ़ता है और एक दिन ऐसा भी आता है जब वह उसी छोटे काम के दम पर बड़ा काम कर जाता है। बस, यहीं से कामयाबी के दरवाजे खुल जाते हैं। हार के पीछे ही जीत का रहस्य छिपा है। हार आपको खुद को सुधारना सिखाती है। असफलता आपको संघर्ष करना सिखाती है। विफलता आपको हकीकत से रूबरू कराती है। नाकामयाबी आपको सच्चे दोस्तों की पहचान करना सिखाती है क्योंकि जो लोग हार के बाद आपका हौसला बढ़ाने आते हैं वही आपके सच्चे दोस्त होते हैं। कई असफलताओं के बाद आपको खुद को यह अहसास होने लगेगा कि आपके अंदर और बेहतर करने की क्षमता है। हारने बाद आपको यह भी अहसास होने लगेगा कि आपके अंदर जबर्दस्त आत्मविश्वास है। इसलिए हार से मत डरो। कहा भी जाता है कि हार को आत्मविश्वास से जीत में बदला जा सकता है। खुद को पहचाने तो जीत तय है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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