Re: डार्क सेंट की पाठशाला
अच्छी पहल खुद करनी पड़ेगी
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने अपने माइक्रो फाइनेंस से न केवल बांग्लादेश बल्कि पूरी दुनिया के गरीबों को एक नई राह दिखाई है। यूनुस ने एक अमेरिकी विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री हासिल की और वहां की मिडिल टेनिसी यूनिवर्सिटी में बतौर अस्टिस्टेंट प्रोफेसर काम किया। बाद में उन्होंने स्वदेश लौटकर गरीबों के लिए बैंकिंग प्रणाली शुरू करने का फैसला किया। उनकी यह पहल कारगर साबित हुई। ड्यूक यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करते हुए प्रोफेसर यूनुस ने युवाओं को सामाजिक कारोबार की प्रेरणा दी। उन्होने कहा,आप खुशनसीब हैं कि आपकी पीढ़ी को सूचना तकनीक की सुविधाओं का लाभ मिला है। हमारे जमाने में यह सुविधा नहीं थी। तब हमें संदेश भेजने के लिए पत्र लिखना पड़ता था और इसमें लंबा समय लगता था। आज समय बदल गया है। अब आप कुछ सेकंड में दुनिया में किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति को ई-मेल के जरिए संदेश भेज सकते हैं। आप हर पल एक दूसरे के संपर्क में रह सकते हैं। संचार और संवाद आसान हुआ है। इंटरनेट के जरिए आपके पास सूचनाओं का अंबार है। तकनीक ने आपके लिए रास्ते आसान किए हैं। सब कुछ अब आपके हाथ में है। अब फैसला आपको करना है कि इस तकनीक का इस्तेमाल कैसे करते हैं। क्या आप तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ पैसा कमाने के लिए करेंगे या फिर तकनीक के जरिए इस दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने की कोशिश भी करेंगे? मर्जी आपकी है, फैसला आपका है। आप चाहें तो दुनिया को बदल सकते हैं। आप चाहें तो इस तकनीक की मदद से तमाम जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकते हैं। रास्ते खुले हैं। हम पहल कर सकते हैं। आज आपके हाथ में तकनीक नाम का अलादीन का चिराग है। डिजिटल डिवाइस नामक जिन्न है। इसकी मदद से आप सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। तकनीक का इस्तेमाल समाज के विकास में होना चाहिए।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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