View Single Post
Old 14-09-2015, 01:03 PM   #39
soni pushpa
Diligent Member
 
Join Date: May 2014
Location: east africa
Posts: 1,288
Rep Power: 65
soni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond repute
Default Re: पता नहीं बेटा

[QUOTE=rajnish manga;554700]पता नहीं बेटा

पिता जी![size=3]

[font=&quot]हाँ, बेटा?

[font=courier new]आजकल समाचार चेनलों पर खूब गरमागरम बहसें और डिबेट दिखाए जा रहे हैं. आज तो एक चैनल पर लाइव बहस के दौरान दो मेहमानों के बीच हाथापाई और थप्पड़बाजी शुरू हो गई. ऐसी नौबत क्यों आई, पिता जी?

बेटा, चैनलों द्वारा बहस ले लिये अलग अलग क्षेत्र से ऐसे लोगों को बुलाया जाता है जो मुद्दे की अच्छी जानकारी और पकड़ रखते हैं. लेकिन कभी कभी बहस के दौरान वे भावनाओं में बह कर अपना आपा खो बैठते हैं. यही कारण है कि कई बार तो बहुत से मेहमान दूसरे मेहमान को चुप कराने की कोशिश करते हैं या एक साथ बोलने लगते हैं और ऐसे में किसी की बात भी पल्ले नहीं पड़ती. आज तो हद ही हो गई. हिंदु धर्म से जुड़े मेहमानों में जिसमे से एक हिंदु महासभा (ओ) के कर्ताधर्ता ओम जी और महिला धर्मगुरु दीपा शर्मा जी व ज्योतिषाचार्य वी. राखी जी के बीच चलती बहस में पहले तो गाली गलौच शुरू हुआ जो बाद में पहले वर्णित दो मेहमानों (ओम जी व दीपा शर्मा जी) के बीच हाथापाई पर पहुँच गया व थप्पड़बाजी भी होने लगी. बहस में राधे माँ के कार्यक्रमों की चर्चा पर गरमा गरमी हुई.

चैनल वालों ने इस बारे में खेद व्यक्त किया है और लिखा है कि हम ऐसी घटना की भर्त्सना करते हैं. वे चाहते हैं कि सामाजिक मुद्दों पर सार्थक बहस हो लेकिन मेहमानों को मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए.

तो पिता जी, सिर्फ ऐसे लोगों को ही क्यों न बहस में बुलाया जाये जो कभी उग्र रूप में न देखे गए हों? या जिनके पास अच्छे व्यवहार का प्रमाणपत्र हो?

बेटा, चैनल वाले तो कहते हैं कि ये मेहमान पहले भी उनके कार्यक्रमों की शोभा बढ़ा चुके हैं. लेकिन पहले कभी ऐसी बात नहीं हुई.

पिता जी, मैं इन सभी समाचार चैनलों को एक सुझाव देना चाहता हूँ ताकि ऐसी शर्मनाक घटनाएं भविष्य में न हों.

कैसा सुझाव, बेटा?

पिता जी, बहस के दौरान हर मेहमान को अलग अलग पिंजरे में पूरी सुख-सुविधा तथा सम्मान के साथ बिठाया जाये ताकि आपस में भिडंत की नौबत ही न पैदा हो. यह कैसा रहेगा, पिता जी?

पता नहीं, बेटा.





कटाक्ष के साथ साथ सही सुझाव, " पता नहीं बेटा" में बहुत सही बाते लिखीं है आपने भाई ..
soni pushpa is offline   Reply With Quote