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Originally Posted by deep_
एम्प्टीमाईन्ड आईडी उनकी रिक्वेस्ट पर बैन कर दिया गया है! आशा है अब वे खुश होंगे। मुझे तो दोस्तों यह भी लगता है की वे नई पहचान, नई सोच, नए आईडी के साथ फोरम पर फिर से अवतरित होंगे।
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एम्प्टीमाइण्ड को बैन करना न्यायसंगत है, क्योंकि इन्होंने प्रबन्धन पर व्यक्तिगत संदेश पढ़ने जैसे झूठे आरोप लगाकर मंच प्रबन्धन की छवि को धूमिल करने का प्रयत्न किया है। यही नहीं, ये एक अन्य मामले में प्रबन्धन को धमकी देते हुए भी रंगे हाथ पकड़े गए हैं। इन्हें तो बहुत पहले ही बैन कर दिया जाना चाहिए था।
संक्षेप में आज सत्य की विजय हुई है, क्योंकि ये सेंसर बोर्ड से पास सामग्री को भी अश्लील बता रहे थे।
'सत्यमेव जयते!'
किन्तु इनके कहने पर अरविन्द की आई०डी० को क्यों बैन किया गया ये मेरी समझ में नहीं आया।
शायद घुन के साथ बेचारा गेहूँ पीसा गया।
रजनीशजी को पता था- अन्ततः सत्य की ही विजय होगी। इसीलिए प्रकरण पर बाद में चुपचाप रहकर उन्होंने सत्य की जीत को देखना ही श्रेयस्कर समझा।