Re: खलील जिब्रान और उनकी रचनायें
खलील जिब्रान
कल हमने राजाओं के हुक्म की तामील की और सम्राटों के सामने नतमस्तक हुये परन्तु आज हम केवल सत्य के सामने झुकते हैं, सुन्दरता का अनुसरण करते हैं और केवल प्रेम का आदेश मानते है.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 02-01-2015 at 10:04 PM.
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