कविताएं नए अंदाज़ में
मित्रो ! कल एक अंग्रेज़ी फोरम पर टहलते हुए चला गया ! एक सूत्र पर नज़र गई और मैं उसमें खो गया ! पूरे दो घंटे मैंने उस सूत्र पर बिताए और उस फोरम पर कुछ और देखे बिना चला आया, सिर्फ इसलिए कि वह सूत्र देखने के बाद कुछ और देखने की इच्छा ही शेष नहीं रही ! सूत्र की निर्माता थीं कोई देवी 'बसंती' ! ख़ास बात यह कि उस अंग्रेज़ी फोरम पर वह एकमात्र हिंदी सूत्र था ! बसंतीजी का शुक्रिया अदा करते हुए उस सूत्र की सामग्री मैं यहां आपको आनंदित करने के लिए प्रस्तुत कर रहा हूं ! उम्मीद है मेरी तरह ही आपको भी कविताओं का यह रूप बेहद लुभावना लगेगा ! धन्यवाद !
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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