फड़णवीस जी के नाम खुला पत्र
(टीवी पत्रकार रविश कुमार)
आदरणीय फड़णवीस जी,
क्या आपने ऐसा कहा है कि 'अगर आप इस देश में रहना चाहते हैं तो आपको भारत माता की जय कहना होगा वरना आपको यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है।' आपने कितनी अच्छी बात कही है, विद्या क़सम बता नहीं सकता। मैं यह जय बोलने वाली धमकी औरों से भी सुन चुका हूं। मैं पहले भी भारत माता की जय बोलता रहा हूं और आगे भी बोलूंगा पर आपसे कुछ सवाल हैं जिसके बाद जय बोलने की प्रकिया स्पष्ट हो जाएगी। इसलिए यह पत्र लिख रहा हूं। पसंद न आए तो इसे लेकर एफआईआर करवा दीजियेगा। मैं ज़मानत भी नहीं करवाऊंगा।
माननीय मुख्यमंत्री जी, क्या आप बतायेंगे कि भारत माता की जय कब बोलना है। कहां बोलना है और कितनी बार बोलना है। जब भी बोलना है एक बार बोलना है या तीन बार बोलना है। दिन भर में कितनी बार बोलना है। धीरे से बोलना है कि ज़ोर से बोलना है। सुबह उठते ही बोलना है या नहाने के बाद बोलना है। नाश्ते से पहले बोलना है या नाश्ते के बाद बोलना है। लिफ़्ट में बोलना है या पार्किंग में बोलना है। रेड लाइट पर बोलना है या ग्रीन लाइट पर बोलना है। रास्ते में बोलना है या दफ्तर पहुंचकर बोलना है। लंच में बोलना है या डिनर पर बोलना है। चाय की दुकान पर बोलना है या रेस्त्रां में बोलना है।
किसी को देखते ही बोलना है या अकेले में बोलना है। अपने से बोलना है या किसी के कहने पर बोलना है। रैली में बोलना है या वैली में बोलना है। मेट्रो रेल में कब बोलना है और भारतीय रेल में कब बोलना है। अस्पताल में कब बोलना है, दुकान में कब बोलना है। ऑपरेशन से पहले बोलना है या ऑपरेशन के बाद बोलना है। आईसीयू में बोलना है या ओपीडी में बोलना है। डॉक्टर को देखते बोलना है या नर्स को देखते बोलना है।