28-12-2012, 08:25 PM
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#24
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Re: श्रीमद् भगवद् गीता
निमित्तानि च पश्यामि विपरीतानि केशव ।
न च श्रेयोऽनुपश्यामि हत्वा स्वजनमाहवे ॥३१॥
हे केशव ! मैं लक्षणोंको भी अशुभ देख रहा हूँ तथा युद्धमें स्वजनसमुदायको मारकर कल्याण भी नहीं देखता ।
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