Re: मकर संक्रांति और पोंगल ..
ग्रहों की संक्रान्ति
मकर संक्रांति के अवसर पर रंगोली बनाते हुए
ग्रहों की भी संक्रान्तियाँ होती हैं, किन्तु पश्चात्कालीन लेखकों के अनुसार 'संक्रान्ति' शब्द केवल रवि-संक्रान्ति के नाम से ही द्योतित है, जैसा कि स्मृतिकौस्तुभमें उल्लिखित है। वर्ष भर की 12 संक्रान्तियाँ चार श्रेणियों में विभक्त हैं-
दो अयन संक्रान्तियाँ- मकर संक्रान्ति, जब उत्तरायण का आरम्भ होता है एवं कर्कट संक्रान्ति, जब दक्षिणायन का आरम्भ होता है।
दो विषुव संक्रान्तियाँ अर्थात मेष एवं तुला संक्रान्तियाँ, जब रात्रि एवं दिन बराबर होते हैं।
वे चार संक्रान्तियाँ, जिन्हें षडयीतिमुख अर्थात् मिथुन, कन्या, धनु एवं मीन कहा जाता है
तथा
विष्णुपदी या विष्णुपद अर्थात् वृषभ, सिंह, वृश्चिक एवं कुम्भ नामक संक्रान्तियाँ।
__________________
************************************
मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
*************************************
|