Thread
:
छींटे और बौछार
View Single Post
22-08-2013, 07:29 PM
#
307
jai_bhardwaj
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power:
99
Re: छींटे और बौछार
बूढ़े और कांपते हाथों ने, कल पकड़ी एक कलाई
युगल नयन तब बरस पड़े,जब राखी एक उठायी
शब्द रहित एक स्मृति गाथा, पढी-सुनी दोनों ने
बहना अस्सी पार कर चुकी, नब्बे का 'जय' भाई
शब्द रहित = मूक भाषा में
स्मृति गाथा = भूली बिसरी स्मृतियाँ
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।
कभी कभी -->
http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा:
https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj
View Public Profile
Send a private message to jai_bhardwaj
Find More Posts by jai_bhardwaj