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यमुना के खतरे के निशान पार कर जाने के बाद सुरक्षा कारणों से लोहे वाला पुल बंद हो जाने के कारण 53 ट्रेनें रहेंगी। रेलवे प्रवक्ता के अनुसार अगली सूचना तक इन ट्रेनों का आवागमन पुल संख्या 249 से बंद रहेगा। हालांकि इस दौरान सभी ईएमयू व डीएमयू ट्रेनों का परिचालन इस पुल से ही होगा। पुल बंद होने से प्रभावित होने वाली प्रमुख ट्रेनों में आम्रपाली एक्सप्रेस, ऊंचाहार एक्सप्रेस, पुरबिया एक्सप्रेस, जम्मूतवी एक्सप्रेस, अमृतसर एक्सप्रेस आदि को तिलक ब्रिज, सराय रोहिल्ला, हजरत निजामुद्दीन सहित कई जगहों से चलाया जाएगा।
यमुना 207.32 मीटर पर पहुंची
नई दिल्ली. दिल्ली में यमुना का जलस्तर बुधवार को शाम सात बजे 207..32 मीटर पहुंच गया, जो 1978 के जलस्तर 207.49 मीटर के बाद दूसरा सबसे उच्च स्तर है। 2010 में यमुुना 207.11 मीटर तक पहुंची थी। जून में यमुना के जलस्तर का यह अधिकतम स्तर है। राजधानी में फ्लड प्लेन का कोई भी हिस्सा बाकी नहीं बचा, जहां यमुना का पानी न पहुंचा हो। तिब्बतन मार्केट में करीब पांच फीट तक पानी भर गया, आईएसबीटी बस अड्डे के पास रिंग रोड तक पानी पहुंच गया।
हालांकि अच्छी खबर यह है कि अब जलस्तर में और बढ़ोत्तरी होने की संभावना कम है, क्योंकि हथिनीकुंड से छोड़ा गया अधिकतम ८ लाख क्यूसेक पानी दिल्ली से गुजर चुका है और हथिनीकुंड बैराज से अब ज्यादा पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। बुधवार को सुबह पांच बजे सबसे अधिक ९४ हजार ६७१ क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसका कोई खास असर नहीं पड़ेगा। उधर, मौसम विभाग ने भी अगले दो-तीन दिन तक दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में बारिश की किसी भी संभावना से इंकार किया है।
नेशनल वाटर कमीशन ने पूर्वानुमान लगाया था कि बुधवार को दोपहर तीन बजे से चार बजे के बीच यमुना इतिहास के उच्चतम स्तर २०७.७५ मीटर पर पहुंचेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कमीशन के निदेशक वीडी रॉय ने बताया कि कल रात को बागपत के पास यमुना अपने तट बंधों को तोड़कर गांवों में घुस गई जिसके चलते काफी पानी यमुना के अपने रास्ते से बाहर चला गया। उन्होंने कहा कि वह पानी भी आएगा लेकिन अब वह कई दिनों बाद तक आएगा, इसलिए अब जलस्तर के ज्यादा बढऩे की संभावना कम ही नजर आ रही है।
राजधानी में यमुना के पूर्वी तटों पर यमुना काफी दूर तक फैली नजर आ रही है। सोनिया विहार, शास्त्री पार्क, गांधी नगर, गीता कॉलोनी, लक्ष्मी नगर, अक्षरधाम, मयूर विहार फेज-१, बाटला हाउस केवल पानी ही पानी नजर आ रहा है। यमुना के सभी पुलों पर लोग अपने वाहन खड़े करके या पैदल जाकर यमुना को करीब से निहार रहे हैं। लोहे के पुल के गाटर यमुना की लहरें ऐसे टक्कर मार रही हैं मानों समुद्र की लहरें हों। यहां पुल के बीचोंबीच यमुना की जल धारा की गति भी सबसे तेज है। लोग ऐसे रोमांचक दृश्यों को अपने मोबाइल व कैमरों में लगातार कैद करने में जुटे हैं। यमुना खादर के इलाकों रहने वाले लोग सरकार के लगाए गए टैंट व शिविरों में रह रहे हैं, कई इलाकों में भोजन के पैकेट भी बंटते हुए देखे गए।
यमुना जिए अभियान के मनोज मिश्र ने कहा कि शहर के नियोजकों, नीति निर्धारकों, निर्णय लेने वालों खासकर उप-राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, डीडीए के उपाध्यक्ष, शहरी विकास मंत्री, वन एवं पर्यावरण मंत्री आदि को जरूर यमुना का दौरा करके देखना चाहिए और नदी को समझने की कोशिश करनी चाहिए। इस वक्त यमुना के फ्लड प्लेन का एक-एक चप्पा यमुना की गिरफ्त में है। उन्हें यहां मुआयना करने पर पता चल सकेगा कि आखिर कितना है यमुना का अपना नदी क्षेत्र।
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