Re: कुरआन और विज्ञान |
सूरज बुझ जाएगा?
सूरज का प्रकाश एक रसायनिक क्रिया का मुहताज है जो उसके धरातल पर विगत पांच अरब वर्षों से जारी है भविष्य में किसी अवसर पर यह कृत रूक जाएगा और तब सूरज पूर्णतया बुझ जाएगा जिसके कारण धरती पर जीवन की समाप्ति हो जाए पवित्र क़ुरआन सूरज के अस्तित्व की पुष्टि इस प्रकार करता है:
‘‘और सूरज वह अपने ठिकाने की तरफ़ चला जा रहा है यह ब्रहम्ज्ञान के स्रोत महाज्ञानी का बांधा हुआ गणित है‘‘ (अल-क़ुरआन: सुर: 36 आयत 38 )
विशेष: इसी प्रकार की बातें पवित्र क़ुरआन के सूर: 13 आयत 2,,सूर: 35, आयत 13
सूर: 39 आयत 5 एवं 21 में भी बताई गई हैं
यहां अरबी शब्द‘‘ मुस्तकिर: ठिकाना का प्रयुक्त हुआ है जिस का अर्थ है पूर्व से संस्थापित ‘समय‘ या ‘स्थल‘ यानी इस आयत में अल्लाह ताला कहता है कि सूरज पूर्वतः निश्चित स्थ्ल की ओर जा रहा है ऐसा पूर्व निश्चित समय के अनुसार ही करेगा अर्थात् यह कि सूरज भी समाप्त हो जाएगा या बुझ जाएगा।
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