Re: ज़िन्दगी ... .
यूँ तो हर लम्हा तनहा है ज़िन्दगी
पर फिर भी हर पल साथ है ज़िन्दगी
बेचैन कर देती है कई बार ज़िन्दगी
फिर भी हसीं लगती है हर पल ये ज़िन्दगी
हज़ारों सतरंगी सपनों,
अनगिनत रंगों में रंगी है ये ज़िन्दगी
कभी भीड़ में तनहा तो कभी
अपने में सिमटी नज़र आती है ज़िन्दगी
कभी पास तो कभी दूर नज़र आती है ज़िन्दगी
मुश्किल तमाम लेकर बढ़ती है ज़िन्दगी
संघर्षों से लड़कर जीना सिखाती है ज़िन्दगी
मन में फ़ैली घनघोर घटाओं
के साथ बरसती है ज़िन्दगी
काँटों से भरे पथ पर फूल
बिखेरती है ज़िन्दगी
कभी जीवन की राह में कड़ी धूप है ज़िन्दगी
तो कभी ममता की बड़ी छाँव है ज़िन्दगी
हर लम्हा एक नई राह दिखाती है ज़िन्दगी
वक्त के साथ सबकुछ सिखा देती है ज़िन्दगी
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