Re: किस्सा तीन बहनों का
किस्सा तीन बहनों का
बादशाह ने कहा, यह तो ठीक है। लेकिन लगता है कि तुम यहाँ शिकार खेल रहे थे। क्या तुम्हें मालूम नहीं कि यह शाही शिकारगाह है जहाँ और कोई शिकार नहीं खेल सकता? बहमन ने निवेदन किया, सरकार, हमारे पिता असमय ही जाते रहे और हमारा निर्देशक कोई नहीं रहा, इसीलिए हम लोगों का ज्ञान अधूरा है और अन्य नौजवानों की तरह हमसे भी भूल हो जाती है। बादशाह उनकी इस चतुराई पर मुस्कुरा उठा। फिर उसने पूछा, शिकार खेलना आता भी है? दोनों ने कहा, आप अवसर दें तो हम भी देखें हमें कितना शिकार खेलना आता है। बादशाह ने कहा, शिकार खेल कर दिखाओ। जंगल में पहुँचे तो बहमन ने एक शेर और परवेज ने एक रीछ को बरछियों से मार कर बादशाह के आगे रखा। दोबारा घने जंगल में जा कर बहमन ने एक रीछ और परवेज ने एक शेर मारा। बादशाह ने कहा, बस करो, क्या सारे जंगली जानवर आज ही मार डालोगे? मैं तो सिर्फ यह देखना चाहता था कि तुम लोगों में कितना शौर्य है।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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